कोटा दशहरा एडवेंचर फेस्टिवल में एयरो स्पोर्ट्स, रैपलिंग का रोमांच, मंच पर झलकी कला-संस्कृति

पर्यटन विभाग की ओर से शनिवार को तीन दिवसीय दशहरा एडवेंचर फेस्टिवल का शुभारंभ हुआ। एयरपोर्ट पर सुबह लोक कलाकारों ने एक से बढ़कर एक नृत्यों से समां बांध दिया। शाहबाद का सहरिया, छबड़ा का चकरी, झालावाड़ का खान ग्वाली, बूंदी-करवर का अलगोजा, कोटा का गौरबंध, भरतपुर का कृष्ण-मयूर और बाड़मेर का कालबेलिया समेत अन्य नृत्यों के कलाकारों ने राजस्थानी कला-संस्कृति और वैभव को जीवंत कर दिया।

 

सांसद ओम बिरला सहित अन्य अधिकारियों ने हवा में गुब्बारे छोड़कर फेस्टिवल का शुभारंभ किया। लक्खी बुर्ज पर रैपलिंग हुई। कलेक्टर डॉ. रविकुमार सुरपुर, एडीएम सुनीता डागा, एडीएम एसडी मीणा, डिप्टी डायरेक्टर पर्यटन मधूसुदन सिंह, एसडीओ राजेश जोशी, सहायक पर्यटन अधिकारी संदीप श्रीवास्तव, रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर नंदलाल,विधायक हीरालाल नागर भी मौजूद रहे।

गूंजे मीरां-कबीर के भजन:

जयपुरके म्यूजिक कंपोजर दीपक सहित अन्य कलाकारों ने बारहदरी पर मीरां और कबीर के भजन सुनाकर यहां माहौल को खुशनुमा बना दिया। नमो नमो तुलसी महारानी से शुरुआत कर … कन्हैया प्यारे आव जा, छानै-छानै, रस्तो छोड़ गली से आजा सभी पिछानै थाने… कबीर के भजनों में गौरव जैन और गार्गी बनर्जी ने चदरिया-चदरिया झीनी रे झीनी सुनाए।

bhaskar-16-10
News Coverage : Dainik Bhaskar




तीन दिवसीय चम्बल एडवेंचर फेस्टिवल शुरू

रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम के साथ तीन दिवसीय एडवेंचर फेस्टिवल का आगाज शनिवार को हुआ। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय दशहरा मेले के तहत यह कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

इसका उद्घाटन हवाई अड्डे पर लोकरंग की छटा बिखेरती सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से हुआ। मुख्य अतिथि सांसद ओम बिरला व जिला कलक्टर रविकुमार सुरपुर सहित अन्य अधिकारियों ने गुब्बारे छोड़कर कार्यक्रम का आगाज किया।

इस मौके पर बिरला ने कहा कि हाड़ौती में पर्यटन विकास की संभावनाएं हैं। हाड़ौती को पर्यटन हब बनाया जाएगा। वन मंत्री से मकुन्दरा हिल्स में बाघ लाने के लिए बात करेंगे।

बूंदी जिले की एेतिहासिक धरोहर, किले, महल एवं कोटा की चम्बल एवं बांधों में कलरव करते देशी-विदेशी पक्षियों, ईको एवं एडवेंचर ट्यूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा।

बारां में धार्मिक एवं आदिवासी अंचल के मेलों, प्राकृतिक वादियों को प्रर्यटकों के लिए आकर्षक बनाया जाएगा। कार्यक्रम में हाड़ौती के लोक कलाकारों ने प्रस्तुतियां दी।

सतरंगी संस्कृति को साकार करते हुए शुरूआत धन्नालाल मेघवाल द्वारा तेजाजी गायन से की गई। कार्यक्रम में विधायक हीरालाल नागर, एडीएमसिटी एस.डी. मीणा व एडीएम प्रशासन सुनीता डागा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

सहरिया, चकरी व भवाई नृत्य ने बांधा समां

समारोह में प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आए लोक कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुतियां देकर समां बांध दिया। सूरतगढ़ से आए अग्रेज सिंह के बैगपाइपर बैंड ने स्वर लहरियां बिखेरी।

शाहबाद के हरिकेश सिंह के दल ने सहरिया लोक नृत्य व छबड़ा के रूपसिंह के दल ने चकरी लोक नृत्य, कोटा के हरिहर बाबा ने भवाई नृत्य प्रस्तुत किया। बूंदी के बाबूलाल सोनी के दल ने अलगोजे पर तान छेड़ी।

अंता के धन्नालाल मेघवाल द्वारा वीर तेजाजी लोकगीत व कोटा के राजकुमार कनाडा के दल ने गोरबंद, झालावाड़ के बजरंग लाल सेन के दल ने बिंदौरी, बाड़मेर के जगदीश पचारिया ने खड़ताल वादन पर कालबेलियां नृत्य की प्रस्तुति दी।

सुबह पैरासेलिंग, दोपहर में करना पड़ा इंतजार

बच्चों एवं युवाओं ने पैरासेलिंग व जोरबिंग बॉल का खूब आनन्द लिया। कई लोग आसमां में इठलाती पतंगों के संग अपनी मस्ती में मस्त नजर आए।

कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद दोपहर 12.30 बजे तक तो लोगों ने पैरासेलिंग व जोर्बिंग बॉल का आनंद उठाया, लेकिन दूसरी पारी में कई लोगों को इसके लिए इंतजार करना पड़ा। दोपहर करीब 3.30 बजे तक लोग पैरासेलिंग का इंतजार करते रहे।

patrika-16-10-copy-3
News Coverage : Rajasthan Patrika





patrika-16-10-copy-4
News Coverage : Rajasthan Patrika





dainik-navjyoti-16-10
News Coverage : Dainik Navjyoti