कोटा दशहरा मेला अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा कवि सम्मेलन

नुंगरो होयो वोट म खड़ो अर नुंगरो जाण सभी पेतरा…

शरदपूर्णिमा री ध्वल रोशनी र बीच कोटा रा दसवारा मेळा रा विजयश्री रंगमंच पर अखिल भारतीय राजस्थानी कवि सम्मेलन में राजस्थान री धरा रा कवियां न देर रात तांई बहाई काव्य री रसधार। जम्या रया सुणबा आळा। श्रृंगार, वीर अर ओज रस की कविता सुणाई। हास्य रा कर्णधारा ने घणा हंसाया। पाकिस्तान पर भी घणा शब्दबाण छोड्या। ताळियां री गडगडाहट गूंजती री।

नगर निगम कोटा की ओर से आयोजित राष्ट्रीय दशहरा मेला 2016 के उपलक्ष में विजयश्री रंगमंच पर शनिवार को अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को देर रात तक बांधे रखा। प्रदेषभर से आए कवियों ने अपनी रचनाओं में कभी हंसाया तो कभी देष की स्थिति पर सोचने को मजबूर कर दिया। संतों व राजनीति के गिरते स्तर पर भी जमकर कटाक्ष किए। दर्षक दीर्घा तालियों की गडगडाहट से गूंजता रहा।

मेला अधिकारी व उपायुक्त राजेंद्र सिंह चारण ने बताया कि अध्यक्षता कर रहे अतिथि विधायक पीपल्दा विधायक विद्याशंकर नंदवाना,  विशिष्ट अतिथि यूआईटी अध्यक्ष रामकुमार मेहता व एमबीएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. विजय सरदाना ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। महापौर महेश विजय, उप महापौर सुनीता व्यास, निगम आयुक्त शिवप्रसाद एम नकाते, मेला अध्यक्ष रामोहन मित्रा बाबला, मेला अधिकारी व आयुक्त राजेंद्र सिंह चारण,  आयुक्त राजेश डागा, मेला समिति सदस्य पार्षद महेश गौतम लल्ली, नरेंद्र हाड़ा, प्रकाश सैनी, मोनू कुमारी, भगवान स्वरूप गौतम, मीनाक्षी खंडेलवाल, भगवान स्वरूप गौतम, कृष्णमुरारी सामरिया, रमेश चतुर्वेदी, विकास तंवर आदि ने अतिथियों व कवियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया।

कवि देशबंधु दाधीच ने थू सुण ले पाकिस्तान मान ले म्हारी बात ने… सुनाकर पाकिस्तान पर निशाना साधा। कवि गिर्राज आमेटा ने ऐ गोरी चालन बफर का भंडारा में… सुनाकर वर्तमान परिवेश में बिगड़ रही संस्कृति पर कटाक्ष किया। कवि पवन गोचर ने हू मनडा में लगन लगा रे… कवि डॉ. अंबिकादत्त चतुर्वेदी ने नुंगरो होयो वोट म खड़ो अर नुंगरो जाण सभी पेतरा…कोई चाहे जस्याई लड़े जीतैगो नुगराई देखज्यो भल्याई वोट कोई का पड़े…ने देश की वर्तमान राजनीति पर खूब कटाक्ष किए। कवयित्री चंदा पारासर ने गोरा गाला मत रपसाव हाथ थ्हारा रोळी का…कवयित्री दिपीका माही ने नेण उतारे आरती अधर तिलक दे आज…सुनाकर खूब तालिया बटोरी। बाबू बंजारा ने गांधी बाबा पाछो आजा देख दशा आजादी की….छोरा छोरी घणा बगडरिया देखो मार छ मिस कॉल…. रचना सुना मोबाइल के दुरूपयोग व देश की स्थिति पर कटाक्ष किया। कवि राजेंद्र पंवार ने नकटा म नकटो घणो नीच पाकिस्तान छह पण थ्हारे लेखे एक घणों म्हाको राजस्थान छह….कवि विश्वामित्र दाधीच ने आओ मिलकर राजस्थानी इस माटी को नमन करा….कवि बाबू बंजारा ने सुन ले सुन ले नवाज उंची मत कर तू आवाज…सुनाकर पाकिस्तान के खिलाफ माहौल बना दिया। पांडाल भारत माता के जयकारों से गूंज उठा। कवि दुर्गादान सिंह गौड़, कैलाश मण्डेला, राजकुमार बादल, गौरस प्रचण्ड, प्रेम शास्त्री, भूपेंद्र राठौड़, मुरलीधर गौड़, धीरज शर्मा, भैरू लाल भास्कर, गौरीशंकर सोनगरा, रतन लाल वर्मा, रामकरण प्रभाती आदि ने काव्य पाठ किया। संचालन मुकुट मणिराज ने किया।

– मीडिया पॉइंट






गोरी जीमण चाल बफर का भंडारा में…

अखिलभारतीय राजस्थानी कवि सम्मेलन में कवियों ने श्रोताओं को कभी हंसाया तो कभी राजनीतिक वर्तमान स्थिति को कविता के माध्यम से बताकर सोचने को मजबूर कर दिया। संतों राजनीति के गिरते स्तर पर भी जमकर कटाक्ष किए गए। जिनका श्रोताओं ने भी खूब आनंद लिया।

कवि देशबंधु दाधीच ने थू सुण ले पाकिस्तान मान ले म्हारी बात ने… सुनाकर पाकिस्तान पर निशाना साधा। कवि गिर्राज आमेटा ने गोरी चालन बफर का भंडारा में… सुनाकर वर्तमान परिवेश में बिगड़ रही संस्कृति पर कटाक्ष किया। कवि पवन गोचर ने हू मनड़ा में लगन लगा रे… कवि डॉ. अंबिकादत्त चतुर्वेदी ने नुगरो होयो वोट खड़ो अर नुगरो जाण सभी पैतरा…कोई चाहे जस्याई लड़े जीतै गो नुगराई देख्ज्यो भल्याई वोट कोई का पड़े… ने देश की वर्तमान राजनीति पर खूब कटाक्ष किए। कवयित्री चंदा पाराशर ने गोरा गाला मत रपसाव हाथ थ्हारा रोली का… कवयित्री दीपिका माही ने नैण उतारे आरती अधर तिलक दे आज… सुनाई। बाबू बंजारा ने गांधी बाबा पाछो आजा देख दशा आजादी की….छोरा छोरी घणा बगड रिया देखो मारे मिस कॉल…. रचना सुना मोबाइल के दुरुपयोग देश की स्थिति पर कटाक्ष किया। कवि राजेंद्र पंवार ने नकटा नकटो घणो नीच पाकिस्तान छह पण थ्हारे लेखे एक घणो म्हांको राजस्थान छह…. कवि विश्वामित्र दाधीच ने आओ मिलकर राजस्थानी इस माटी को नमन करा…. कवि बाबू बंजारा ने सुन ले सुन ले नवाज ऊंची मत कर तू आवाज… सुनाकर पाकिस्तान के खिलाफ माहौल बना दिया। पांडाल भारत माता के जयकारों से गूंज उठा। यहां कवि दुर्गादान सिंह गौड़, कैलाश मंडेला, राजकुमार बादल, गौरस प्रचण्ड, प्रेम शास्त्री, भूपेंद्र राठौड़, मुरलीधर गौड़, धीरज शर्मा, भैरू लाल भास्कर, गौरीशंकर सोनगरा, रतन लाल वर्मा, रामकरण प्रभाती आदि ने काव्य पाठ किया। संचालन मुकुट मणि राज ने किया।

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News Coverage : Dainik Bhaskar





मनड़ा म्ह अग्न लगागी री गौरी, तू चलगी री पीहर म्ह…

दशहरा मेले में विजयश्री रंगमंच के सामने शनिवार रात शरद पूर्णिमा के मौके पर दर्शक दीर्घा काव्य रोशनी में नहा गई। श्रोता देर रात तक कविताएं सुनने के लिए डटे रहे।

मंच से कभी वीर रस तो कभी हास्य रस। कभी श्रृंगार रस तो कभी व्यंग्य की एेसी बौछारें हुई , श्रोता एक बार दर्शक दीर्घाओं में बैठे तो उठने का मन ही नहीं किया। मौका था विजयश्री रंगमंच पर दशहरा मेले के तहत शनिवार रात आयोजित अखिल भारतीय राजस्थानी कवि सम्मेलन का। उद्घाटन के बाद कवियों ने एेसा समां बांधा की श्रोता कविताओं में खो गए।

जमता गया कवि सम्मेलन रमते गए लोग

कवि सम्मेलन में उरी आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना की ओर से किया गए सर्जिकल स्ट्राइक पूरी तरह छाया रहा। मंच पर कविता पढऩे आए पहले कवि देशबंधु दाधीच ने ही श्रोताओं का मन टटोल लिया। उन्होंने पाकिस्तान पर वार करते हुए अपनी कविता,    ‘पहल क छोड़ द्यो छो, अबकह नपटा दयो जावगो…  सुनाई तो श्रोताओं ने जमकर सराहा।

इसके बाद तो अधिकतर कवियों ने देशभक्ति की कविताएं पढ़कर ही श्रोताओं को बांधे रखा। गिर्राज आमेठा ने गौरी चालां न भण्डारा म्ह, म्हन मलगी र छोटी नार, सून-सून र म्हारा यार…Ó  मनडा म्ह अग्न लगागी री गौरी, तू चलगी री पीहर म्ह… आदि कविताएं सुनाई। कवि भूपेन्द्र राठौर ने इसके बाद फिर से श्रोताओं को देशभक्ति के जोश में भर दिया।

उन्होंने  ‘जै समझौता सूं न समझ तो, अब लातां सूं बात करांÓ कविता पढ़कर जमकर तालियां बटौरी। बाबू बंजार, चंदा पाराशर, राजेन्द्र पंवार, दुर्गादानसिंह, गौरस प्रचण्ड, रामनारायण हलधर आदि की कविताओं में भी श्रोताओं को भरपूर आनंद आया। मंच संचालन मुकुटमणि राज ने किया।

.…. तो नहीं चलने दी कवियों की

ोंकवि सम्मेलन सुनने के लिए कोटा संभाग से ही नहीं आसपास के कई क्षेत्रों से लोग, दशहरा मेले में पहुंचे। दर्शक दीर्घाएं ठसा-ठस भरी रही। जिन कवियों की कविताओं में श्रोताओं को मजा नहीं आया तो उनको माइक से नीचे बैठाने में भी उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। मंच संचालन कर रहे मुकुटमणि राज बार-बार श्रोताओं को सभी कवियों को शांति से सुनने के लिए समझाते रहे।

पहले ही आ जमे श्रोता

निर्धारित समय से करीब डेढ़ घंटे देरी से रात 10 बजे कवि सम्मेलन शुरू हुआ। श्रोता दीर्घाओं में रात 8.30 बजे से पहले ही कविताएं सुनने के लिए बैठ गए थे। मुख्य अतिथि पीपल्दा विधायक विद्याशंकर नंदवाना व विशिष्ट अतिथि नगर विकास न्यास अध्यक्ष रामकुमार मेहता व एमबीएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. विजय सरदाना ने गणेश प्रतिमा के समक्ष दीप  प्रज्जवलित कर कवि सम्मेलन की शुरुआत की।

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