किसान रंगमंच पर घुला भक्तिरस

धवलरोशनी बीच कोटा रा दसहरा मेला रा विजयश्री रंगमंच पर अखिल भारतीय राजस्थानी कवि सम्मेलन में राजस्थान री धरा…

कोटा| धवलरोशनी बीच कोटा रा दसहरा मेला रा विजयश्री रंगमंच पर अखिल भारतीय राजस्थानी कवि सम्मेलन में राजस्थान री धरा रा कवियां देर रात तांई काव्य री रसधार बहाई। जम्या का तांई सुणबा खातर मनख भोर तक बैठ्या रिया। कवियां शृंगार, वीर रस री कविता सुणाई। हास्य रा कर्णधारा ने घणा हंसाया। पाकिस्तान पर भी घणा शब्दबाण छोड्या।






मुकुट मणिराज ने सरस्वती वदंना के साथ कवि सम्मेलन की शुरूआत की। लाखेरी के भूपेन्द्र राठौर ने कश्मीर की धारा 370 और शाहरुख खान के पेप्सी प्रेम आदि को लेकर तीखे राजनीतिक कटाक्ष किए। उन्होंने बेटी की अस्मत के साथ खिलवाड़ करने वालों को चेतावनी देते हुए सुनाया- अब आछा दिन भी आवेगा। लाल किला से अब मोदी मर्दानी भाषा गावेगा, मेवाड़ अंचल से आए हास्य कवि दिनेश दिव्य ने नोट बंदी से लेकर महिलाओं के चोटी काटने के मुद्‌दों पर सुनाया- नोट बंदी में एक घटना मजेदार है, सबकी बीबीयां पाॅकेट मार हैं। दिनेश दिव्य ने व्यंग्य कविता पढ़ी कि- मुसीबत के लिए जोल्या, म्हाने की गयी मुसीबत…। कवि देशबंधु दाधीच ने थू सुण ले पाकिस्तान मान ले म्हारी बातां ने… सुनाकर पाकिस्तान पर निशाना साधा। जोश से जौहर री गाथा खेग्या बूूंदी हाळा…।






उन्होंने भी नोट बंदी पर एक गीत पढ़ी जिसे लोगों ने सराहा हल्लाे मच ग्यो नोटां काे, काळो धन वालो मर ग्याे। बफर भोज की संस्कृति को लेकर भी देशबंधु दाधीच ने गीत पढ़ा और उस पर तरह-तरह से व्यंग्य चित्र खींचे। मुरलीधर गौड़ ने भी नोट बंदी और काला धन को लेकर प्रहार किए मोटा नोटां पे लगा दी जी लगाम, मोदी जी थाने अछी करी काळो धन होरयो छो जी बेलगाम, मोदी जी थाने अाछी करी। कवि डाॅ. अंबिकादत्त चतुर्वेदी ने नुंगरो होयो वोट खड़ो अर नुंगरो जाणे सभी पेतरा…कोई चाहे जस्याई लड़े जीतैगो नुगरोई देखज्यो, भल्याई वोट कोई का पड़े… ने देश की वर्तमान राजनीति पर खूब कटाक्ष किए। बाबू बंजारा ने गांधी बाबा पाछो आजा देख दशा आजादी की….छोरा छोरी घणा बगडरिया देखो मारे मिस काॅल…. रचना सुना मोबाइल के दुरूपयोग देश की स्थिति पर कटाक्ष किया। कवि राजेंद्र पंवार ने नकटा नकटो घणो नीच पाकिस्तान छह पण थ्हारे लेखे एक घणों म्हाको राजस्थान छह…., कवि विश्वामित्र दाधीच ने आओ मिलकर राजस्थानी इस माटी को नमन करां… कवि बाबू बंजारा ने सुन ले सुन ले नवाज ऊंची मत कर तू आवाज… सुनाकर पाकिस्तान की हरकतों काे बखाणा। ये सुन पांडाल भारत माता के जयकारों से गूंज उठा। कवि दुर्गादान सिंह गौड़, कैलाश मंडेला, राजकुमार बादल, गौरस प्रचंड, प्रेम शास्त्री, भूपेंद्र, मुरलीधर गौड़ आदि ने काव्य पाठ किया। संचालन मुकुट मणिराज ने किया।






अतिथि विधायक पीपल्दा विधायक विद्याशंकर नंदवाना, अध्यक्षता कोटा विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. पीके दशोरा, विशिष्ठ अतिथि भाजयुमोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय चौधरी, बीएसएन अकेदमी के निदेशक महावीर विजय, एसआर ग्रुप के निदेशक आनंद राठी, एलबीएस के कुलदीप माथुर, भाजपा जिला उपाध्यक्ष संदीप मेघवाल थे। महापौर महेश विजय, उप महापौर सुनीता व्यास, निगम आयुक्त डाॅ. विक्रम जिंदल, मेला अध्यक्ष राममोहन मित्रा बाबला, उपायुक्त नरेश मालव, उपायुक्त राजेश डागा, अतिरिक्त मेला अधिकारी प्रेमशंकर शर्मा, मेला समिति सदस्य पार्षद महेश गौतम लल्ली, नरेंद्र हाड़ा, भगवान स्वरूप गौतम, मोनू कुमारी, मीनाक्षी खंडेलवाल, कृश्णमुरारी सामरिया, रमेश चतुर्वेदी, विकास तंवर, प्रकाश सैनी ने कवियों का स्वागत किया।

विजयश्री रंगमंच पर एक के बाद एक कवियों ने अपनी रचनाओं से पूरी रात समां बांधे रखा।

Photo : कमल सिंह यदुवंशी

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